
सारांश
- उत्तरकाशी में बादल फटने से चार लोगों की मौत और 50 से ज़्यादा लोगों के लापता होने की जानकारी है. इस घटना में भारतीय सेना के नौ जवान भी लापता हैं.
- स्थानीय निवासी आस्था पवार ने बताया कि कई होटल उनकी आंखों के सामने बह गए और उनका कहना है कि कोई वॉर्निंग जारी नहीं की गई थी.
- सेना के मुताबिक़, भूस्खलन और बादल फटने की इस घटना में पास में स्थित आर्मी कैंप और बचाव दल का एक हिस्सा भी प्रभावित हुआ है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे पर शोक जताया है.
उत्तराखंड के धराली में बादल फटने की घटना के बाद से राहत और बचाव कार्य जारी है. इसमें पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ़, एडीआरएफ़, आईटीबीपी और सेना की टीमें शामिल हैं. आपदा कंट्रोल रूम से भी स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है.
14 राजपूताना राइफ़ल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन ने लोगों को आश्वस्त किया है कि सेना सभी लोगों के बचाव के प्रयास लगातार जारी रखेगी. कर्नल हर्षवर्धन मंगलवार, 5 अगस्त की दोपहर से 150 जवानों के साथ राहत और बचाव अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं.
कर्नल हर्षवर्धन के मुताबिक़, “राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए अतिरिक्त सेना की टुकड़ियां, सेना के ट्रैकर डॉग्स, ड्रोन, और मलबा हटाने वाले उपकरण आदि को आगे भेजा गया है. ज़रूरी आपूर्ति, दवाइयों और फंसे हुए लोगों की निकासी के लिए सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. लगातार हो रही बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने के मद्देनज़र स्थानीय निवासियों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया है.”
उत्तरकाशी ज़िले के धराली में मंगलवार को बादल फटने की घटना हुई थी. हर्षिल क्षेत्र में खीर गंगा गदेरे (गहरी खाई या नाला) का जलस्तर अचानक बढ़ने से धराली गांव में भारी नुक़सान हुआ है.