
एक तरफ़ नेपाल, तो दूसरी तरफ़ पश्चिम बंगाल. बांग्लादेश का बॉर्डर भी यहाँ से ज़्यादा दूर नहीं है. यह बिहार का मुस्लिम बहुल आबादी वाला किशनगंज ज़िला है.
आजकल केंद्रीय चुनाव आयोग बिहार की मतदाता सूची में संशोधन करा रहा है. इस प्रक्रिया का नाम दिया गया है विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर. यह प्रक्रिया बिहार में बहस का मुद्दा बनी हुई है क्योंकि यहाँ इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
चुनाव आयोग जहाँ इसे ज़रूरी बता रहा है, वहीं विपक्ष ने इस पर कई सवाल उठाए हैं. सवाल किशनगंज में रहने वाले कई मुसलमानों के मन में भी हैं.
शरीफ़ुद्दीन काफ़ी परेशान हैं. वह कहते हैं, “मैं 80 साल का हो गया हूँ, मेरा बाप यहीं मरा, दादा यहीं दफ़न है और अब हमसे दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं. हमसे नागरिकता का सवाल किया जा रहा है.”
जैनुल (बदला हुआ नाम) जैसे लोगों का कहना है कि अगर किसी वजह से उनका नाम मतदाता सूची में नहीं आया, तो उनकी नागरिकता पर सवाल उठ सकते हैं.