
मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में 31 जुलाई 2025 को सुबह 11.15 बजे फ़ैसला सुनाए जाने के एक घंटे के भीतर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक लाइन की पोस्ट डाली.
इसमें उन्होंने लिखा, “आतंकवाद भगवा न कभी था, ना है, ना कभी रहेगा!”
इससे एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बहस के दौरान कहा, “हिंदू आतंकवाद का विचार किसने दिया? मैं दुनिया के सामने गर्व से कहता हूं कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते.”
उनके इस बयान पर चर्चा अभी चल ही रही थी कि अगले दिन मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट का फ़ैसला आ गया. इसके बाद ‘भगवा आतंकवाद’ या ‘हिंदू आतंकवाद’ पर फिर से चर्चा शुरू हो गई.
इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार मालेगांव बम ब्लास्ट की जांच शुरू होने के बाद हुआ था. उस वक़्त यूपीए सरकार सत्ता में थी और महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार थी. पिछले लगभग डेढ़ दशक में इस शब्द का भारतीय राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
