दुनियाभर में FDI गिरा, भारत ने कायम रखा 28 अरब डॉलर का स्तर, टॉप-15 में जगह पक्की

संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की आज जारी रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक एफडीआई में 11 प्रतिशत गिरावट रही मगर भारत में आंकड़ा नहीं बदला।

दुनिया भर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में गिरावट आई है मगर भारत में यह 28 अरब डॉलर पर बना रहा। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की आज जारी रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक एफडीआई में 11 प्रतिशत गिरावट रही मगर भारत में आंकड़ा नहीं बदला। भारत एफडीआई सूची में अपनी स्थिति सुधार कर एक पायदान ऊपर 15वें स्थान पर आ गया। साथ ही नई परियोजनाओं के लिए एफडीआई और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के वित्तीय सौदों के एफडीआई में शीर्ष पांच देशों में भी उसका नाम कायम रहा।

संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास महासचिव रेबेका ग्रिनस्पैन ने कहा, ‘दुनिया में कई अर्थव्यवस्थाएं इसलिए पीछे नहीं छूट रही कि उनमें क्षमता नहीं है बल्कि इसलिए पिछड़ रही हैं क्योंकि पूंजी अब भी वहीं पहुंच रही हैं जहां आसानी से भेजी जा सकती है। जहां जरूरत है वहां पूंजी नहीं पहुंच पा रही हैं।’

2023 में भारत में एफडीआई प्रवाह 43 प्रतिशत कम होकर 28 अरब डॉलर रह गया था। 2024 में एफडीआई पाने के लिहाज से चीन भी दूसरे से फिसल कर चौथे स्थान पर चला गया। चीन में इस दौरान एफडीआई 163 अरब डॉलर से कम होकर 116 अरब डॉलर रह गया। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार देश में एफडीआई पूंजी प्रवाह वित्त वर्ष 2014-25 में 50 अरब डॉलर रहा, जो सालाना आधार पर 13 प्रतिशत अधिक था।

काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट में डिस्टिंगुइश्ड प्रोफेसर विश्वजित धर ने कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में भारत में शुद्ध एफडीआई प्रवाह (भारत से वापस भेजे गए निवेश को हटाने के बाद) लगभग 29 अरब डॉलर रहा। एफडीआई की गणना के लिए अंकटाड भी उसी विधि का प्रयोग करता है, जिसका रिजर्व बैंक करता है। फर्क इतना है कि अंकटाड कैलेंडर वर्ष के हिसाब से ऐसा करता है।’

अंकटाड एफडीआई आंकड़ों (शेयर एवं रकम प्रवाह एवं विदेश में विलय एवं अधिग्रहण, नई परियोजनाएं और अंतरराष्ट्रीय परियोजना वित्त सौदे) के आधार पर अंतरराष्ट्रीय निवेश रुझान पर रिपोर्ट जारी करता है। इन तीनों प्रकार की परियोजनाओं पर अलग-अलग विचार किया जाता है।

विकसित एवं तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में तकनीकी कंपनियों का परिचालन फैलते देखकर रिपोर्ट में भारत में माइक्रोसॉफ्ट के 3 अरब डॉलर निवेश का भी उल्लेख किया गया है। कंपनी ने यह निवेश क्लाउड और एआई ढांचे में किया है।

अंकटाड ने यह भी कहा कि ज्यादातर क्षेत्रों में परियोजनाओं संख्या बढ़ी है मगर कुछ ही देशों में घोषित नई परियोजनाओं के मूल्यांकन में इजाफा हुआ है जिसमें भारत भी एक है।

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