ज़ोहरान ममदानी की पत्नी रमा दुवाजी, जो अपनी शख़्सियत के कारण चर्चा में हैं और निशाने पर भी

‘रमा सिर्फ़ मेरी पत्नी नहीं हैं, वह एक बेहतरीन कलाकार हैं और ये उनका अधिकार है कि लोग उन्हें उनके अपने काम और पहचान के आधार पर जानें.”

ज़ोहरान ममदानी ने अपनी पत्नी यानी रमा दुवाजी पर हो रहे हमलों के बचाव में ये बातें बीती 13 मई को लिखी थीं.

परिस्थितियां कुछ ऐसी थीं कि ममदानी पर अपनी पत्नी की पहचान छुपाए रखने के आरोप लग रहे थे.

कहा जा रहा था कि उन्होंने जानबूझकर अपने चुनाव प्रचार से रमा दुवाजी को दूर रखा है, क्योंकि वो सीरियाई मूल की हैं और फ़लस्तीन समर्थक हैं.

जबकि ममदानी का कहना था कि उनकी पत्नी की पहचान केवल उन तक सीमित नहीं है, वह एक बेहतरीन कलाकार हैं और उनकी पहचान उनके हुनर से होनी चाहिए न कि किसी रिश्ते से.

डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी (न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के लिए) जीतने से पहले तक ममदानी के किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या चुनाव प्रचार से दुवाजी दूर ही नज़र आईं.

यहाँ तक कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी कभी खुलकर, ज़ोहरान के समर्थन में या फिर उनके चुनाव प्रचार के समर्थन में कोई पोस्ट नहीं की.

उन्हें आमतौर पर अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से आर्टवर्क या अपनी तस्वीरें ही शेयर करते देखा गया.

लेकिन 24 जून को जब ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी में जीत दर्ज की, तो इस जीत के जश्न से जुड़े एक कार्यक्रम में रमा दुवाजी पहली बार उनके साथ स्टेज पर दिखीं.

प्राइमरी जीतने का मतलब है कि ज़ोहरान ममदानी को न्यूयॉर्क के मेयर के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी मिल गई है.

रमा दुवाजी जीत के जश्न में भी बहुत सहज नज़र नहीं आ रही थीं.

उन्होंने बाद में इंस्टाग्राम पर ममदानी के साथ अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि ‘वो शायद ही इससे अधिक गौरवान्वित महसूस कर सकती थीं’.

रमा दुवाजी और ज़ोहरान ममदानी की शादी इसी साल फ़रवरी महीने में हुई थी.

अप्रैल से ममदानी का चुनाव प्रचार शुरू हुआ और इसके दौरान जहाँ एक ओर उन्हें अपनी मुस्लिम पहचान के कारण हमले का सामना करना पड़ा, वहीं एक वर्ग उन्हें इसलिए भी निशाना बनाता रहा है क्योंकि उनकी पत्नी रमा दुवाजी अपने आर्टवर्क के माध्यम से ग़ज़ा में इसराइल के सैनिक अभियान और इस दौरान होने वाली हिंसा का विरोध करती रही हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि आख़िर रमा दुवाजी हैं कौन और उनकी पहचान इतनी अहम क्यों है?

कौन हैं रमा दुवाजी?

दुवाजी सीरियाई मूल की इलस्ट्रेटर और एनीमेटर हैं, जो न्यूयॉर्क सिटी के ब्रुकलिन में रहती हैं.

उनकी उम्र 27 साल है. उन्होंने अमेरिका की वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और मास्टर्स की पढ़ाई न्यूयॉर्क सिटी के स्कूल ऑफ़ विज़ुअल आर्ट्स से की है.

उनका परिवार मूल रूप से सीरिया के दमिश्क से है, लेकिन रमा का जन्म टेक्सस में हुआ.

मौजूदा समय में उनका परिवार दुबई में रहता है.

परिवार में कौन-कौन हैं, पिता क्या करते हैं, इससे जुड़ी जानकारियां बहुत कम हैं. दुवाजी ख़ुद कभी इसके बारे में बात नहीं करती हैं.

लेकिन इसी साल यंग नाम की एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि कोविड के दौरान उन्होंने अपना ज़्यादातर समय अपने परिवार के साथ दुबई में बिताया था.

ज़ोहरान ममदानी अपनी मां मीरा नायर, अपनी पत्नी रमा दुवाजी और पिता महमूद ममदानी के साथ.
इमेज कैप्शन,ज़ोहरान ममदानी अपनी मां मीरा नायर, अपनी पत्नी रमा दुवाजी और पिता महमूद ममदानी के साथ

दुवाजी जानी-मानी इलस्ट्रेटर तो हैं ही, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक राय भी रखती हैं.

अपने आर्ट के ज़रिए वह फ़लस्तीनियों के मुद्दों को आवाज़ देने की कोशिश करती रही हैं.

इसके अलावा नस्लीय हिंसा और कॉलेज कैंपस में विरोध की आवाज़ दबाने जैसे मसले भी उनके काम के केंद्र में रहे हैं.

जैसे उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के फ़लस्तीनी छात्र महमूद ख़लील के समर्थन में इलस्ट्रेशन बनाए.

महमूद ख़लील को इसी साल हमास समर्थक गतिविधियों के आरोप में हिरासत में लिया गया था.

रमा दुवाजी का परिवार मूलत: सीरिया के दमिश्क से है लेकिन उनका जन्म टेक्सस में हुआ.
इमेज कैप्शन,रमा दुवाजी का परिवार मूलत: सीरिया के दमिश्क से है लेकिन उनका जन्म टेक्सस में हुआ

इसी साल अप्रैल के महीने में रमा दुवाजी ने ‘यंग मी‘ नाम की एक वेबसाइट को इंटरव्यू दिया था.

इस इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि ‘हम एक ऐसे वक़्त में हैं, जहाँ राजनीति और आर्ट को अलग कर पाना असंभव सा लगता है, ऐसे में फ़लस्तीन, ट्रंप की वापसी, इमिग्रेशन और कस्टम एन्फ़ोर्समेंट के रेड्स. एक कलाकार के तौर पर आप इन घटनाओं को कैसे देखती हैं?

रमा कहती हैं, ”मैं झूठ नहीं बोलूंगी. न्यूयॉर्क में अभी चीज़ें ठीक नहीं हैं. मुझे अपने दोस्तों और परिवार के लिए चिंता होती है और लगता है कि ये चीज़ें मेरे हाथों से बाहर हैं.”

”मेरी कला हमेशा मेरे आसपास हो रही घटनाओं का एक आईना रही है. मौजूदा वक़्त में जब इतने लोगों की आवाज़ को दबाया जा रहा है, उन्हें देश के बाहर निकाला जा रहा है, तो मैं बस अपनी आवाज़ उठा सकती हूं. अमेरिका, फ़लस्तीन या फिर सीरिया में जो कुछ हो रहा है, उन पर बोल सकती हूँ.”

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