
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कंपनियों से सौ आवेदन प्राप्त किए हैं और अगस्त में मंजूरी देने की योजना है।
सरकार को देश में इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण और असेंबली इकाइयां स्थापित करने के लिए 7,500 से 8,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले हैं। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को इसकी जानकारी दी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के तहत भारत में इकाइयां लगाने के लिए भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से करीब 100 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘हमने आवेदनों की जांच शुरू कर दी है और अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में हम सफल आवेदकों को मंजूरी देना शुरू कर देंगे। परियोजना प्रबंधन एजेंसी को भी जल्द ही अंतिम रूप दिया जा रहा है।’ केंद्र सरकार ने इस साल अप्रैल में 22,919 करोड़ रुपये की ईसीएमएस की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों, डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल, बहुस्तरीय प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, डिजिटल ऐप्लिकेशन के लिए लीथियम-आयन सेल आदि के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण योजना घरेलू स्तर पर बैटरी पैक, मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट और अन्य डिवाइस के उत्पादन में उपयोग होने वाले पुर्जों जैसे कि रेसिस्टर, कैपेसिटर, इंडक्टर, ट्रांसफॉर्मर, फ्यूज, रेसिस्टर नेटवर्क और पोटेंशियोमीटर के घरेलू विनिर्माण के लिए भी प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होकर 6 वर्षों तक चलेगी। इस योजना के तहत सरकार वृद्धिशील बिक्री के लिए प्रोत्साहन देने के बजाय कंपनियों द्वारा किए गए पूंजीगत खर्च में सहायता करेगी। इसके साथ ही सीधे तौर पर सृजित नौकरियों की संख्या के आधार पर प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनियों के सालाना कारोबार के आधार पर भी प्रोत्साहन देने का विचार शामिल है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की संख्या के लिए प्रोत्साहन का पता लगाने के लिए सरकार कंपनियों से पूछेगी कि वे अपनी विनिर्माण इकाइयों में कितने लोगों को रोजगार देने की योजना बना रहे हैं और उस संख्या के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पिछले एक दशक में 17 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2024 के अंत तक 9.52 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात इस दौरान 20 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि दर से बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत के साथ सरकार को सेमीकंडक्टर विनिर्माण, सेमीकंडक्टर पुर्जा विनिर्माण और तैयार उत्पादों, जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्डवेयर और अन्य आईटी उत्पादों की तिकड़ी पूरा करने की उम्मीद है।